tag:blogger.com,1999:blog-8954499697999113315.post1274410979122687394..comments2023-08-21T14:48:52.194+05:30Comments on Dakshin Bharat: पहले चोरी फिर सीनाजोरीश्रीकांत पाराशरhttp://www.blogger.com/profile/02488429636132949216noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8954499697999113315.post-27536963065548455682010-08-02T04:45:23.383+05:302010-08-02T04:45:23.383+05:30लोग जो चिकने घड़े हैं।
लग रहा वो ...लोग जो चिकने घड़े हैं।<br /> लग रहा वो ही बड़े हैं॥<br /><br /> आप हैं यदि सदाचारी-<br /> पंक्ति में पीछे खड़े हैं ?डॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8954499697999113315.post-73167237369622667562009-12-22T06:52:06.089+05:302009-12-22T06:52:06.089+05:30श्रीकांत जी,
इस स्थिति को मैं भारत-विरोधाभास (Indi...श्रीकांत जी,<br />इस स्थिति को मैं भारत-विरोधाभास (India Paradox) कहता हूँ. स्थिति बहुत दुखद है. जिस देश में सांसद का चुनाव लड़ने वाला हर उम्मेदवार करोडपति है वहां क़र्ज़ में डूबे बुनकर और किसान आत्महत्या कर के भूखे बच्चे छोड़ जाते हैं. जो खर्च वहां कर सकते हैं उन माध्यम-उच्च वर्ग के लोगों के लिए उच्च शिक्षा कौड़ियों के मोल मिलती है मगर गरीब के बच्चे के लिए नगरपालिका के प्राथमिक विद्यालय की हालत ऐसी है कि शायद उन्हें भी अपने बच्चे वहां भेजते में डर लगता है. जिस देश का वित्त-मत्री वित्त-घोटाले वाले बी रत्नाकर के ग्रोमोर में निवेशक था और आर्थिक सौदों में पारदर्शिता लाने के बजाय हर चेक पर फीस लगाकर अपरोक्ष रूप से अन्दर-द-टेबल लेन-देन को बढ़ावा दे रहा था वहां यह सब चीज़ें किसे चौंकायेंगी?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8954499697999113315.post-76223723080438257652009-11-21T00:13:42.886+05:302009-11-21T00:13:42.886+05:30भाई हम ऊपर की दोनो टिपण्णियो से सहमत है, अगर जनता ...भाई हम ऊपर की दोनो टिपण्णियो से सहमत है, अगर जनता आपस मै लडना बन्द करे ओर पकडे इन हरामी नेतओ को तो ़देखो....केसे करते है यह घोटालाराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8954499697999113315.post-31002335422405224022009-11-20T23:30:49.991+05:302009-11-20T23:30:49.991+05:30जिस देश में देशद्रोही खुलेआम फिर सकते है, लोकतंत्र...जिस देश में देशद्रोही खुलेआम फिर सकते है, लोकतंत्र की इमारत पर बम फेंक कर भी वर्षों जीवित है, उस देश में भ्रष्टाचार कोई मुद्दा हो सकता है भला? हमें खेद है कि हम केवल ८७वें पायदान पर हैं विश्व के भ्रष्ट देशों में......हमें तो सब से ऊपर रहना चाहिए था:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8954499697999113315.post-77807745684987372142009-11-20T20:51:51.394+05:302009-11-20T20:51:51.394+05:30श्रीकांत जी
सादर वन्दे!
बहुत ही प्रासंगिक पोस्ट!
...श्रीकांत जी<br />सादर वन्दे!<br />बहुत ही प्रासंगिक पोस्ट!<br />भाई जी इसमे गलती हमारी भी है क्योंकि हम अपनी परेशानियों को बहाना बनाकर इन बातों से दूर रहने की शिक्षा देते हैं जबकि हमारी सभी परेशानियों का कारण इनसे ही जुड़ा होता है, १०० करोण की जानता का १% भी संसद को घेर ले तो इन नेताओं की मटियामेट हो जाएगी औरआधी समस्याएं उसी दिन सुलझ जाएँगी, लेकिन हम तो मराठी हैं, तमिल हैं, माओवादी हैं, मुशालमन है, हिन्दू है .......... भारतीय तो कोई है ही नहीं... यैसे में बस झेलो, गाँधी के तीन बन्दर बनो, और भविष्य को नपुंसक बनाओ..........<br />रत्नेश त्रिपाठीaaryahttps://www.blogger.com/profile/08420022724928147307noreply@blogger.com