tag:blogger.com,1999:blog-8954499697999113315.post3908683106425964933..comments2023-08-21T14:48:52.194+05:30Comments on Dakshin Bharat: अपनी दोनों आंखें चढ़ा दीं भगवान कोश्रीकांत पाराशरhttp://www.blogger.com/profile/02488429636132949216noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8954499697999113315.post-53837874138916594282008-09-05T07:54:00.000+05:302008-09-05T07:54:00.000+05:30कितने अफ़सोस की बात है की अहिंसा के देश में अपने और...कितने अफ़सोस की बात है की अहिंसा के देश में अपने और दूसरों के प्रति हिंसा न सिर्फ़ आम है बल्कि समय-समय पर गरीब-अनपढ़ लोग इसे धर्म-संगत भी समझ बैठते हैं. बेहतर हो की इन लोगों को उनके परिवार, विशेषकर बच्चों के भविष्य के प्रति सजग किया जाए. <BR/><BR/>आश्चर्य है की बात-बेबात पर संघर्ष, हिंसा, आगज़नी और धरने पर बैठ जाने वाले अपनी ऊर्जा का दशमांश भी अंधविश्वास निवारण पर नहीं खर्च करते हैं. <BR/><BR/>आपका धन्यवाद जो आपने ऐसा विषय उठाया!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8954499697999113315.post-56699743113873908982008-09-05T05:12:00.000+05:302008-09-05T05:12:00.000+05:30धन्य हैं ये अन्धविश्वासी!!धन्य हैं ये अन्धविश्वासी!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com