
कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी मैसूर में चामुंडी पहाड़ियों पर विराजी भगवती चामुंडेश्वरी के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही मंगलवार को विश्व प्रसिध्द दस दिवसीय दशहरा महोत्सव की शुरुआत हो गई। टुमकूर के सिद्दगंगा मठ के मठाधीश शिवकुमारस्वामीजी ने मंदिर के सामने दीप जलाकर और चामुंडेश्वरी देवी की विशेष पूजा कर इस महोत्सव के शुरू होने की घोषणा की।
दशहरा महोत्सव के उद्धाटन समारोह में पहली बार शामिल होने वाले मुख्यमंत्री बीएस येड्डीयुरप्पा ने भी इस मौके पर पूजा में भाग लिया। परम्परानुसार मैसूर राजघराने के उत्तराधिकारी श्रीकांतदत्त नरसिंहराज वाडेयार ने भी पैलेस में पूजा-अर्चना कर इस महोत्सव की शुरुआत की। उन्होंने पारंपरिक वेषभूषा धारण कर, अमूल्य स्वर्ण सिंहासन पर विराजित होकर पूजा-अर्चना की। यह पूजा-अर्चना इसी तरह इस महोत्सव के अंतिम दिन (विजयादशमी) तक जारी रहेगी। इस आयोजन में वाडेयार राजघराने के सदस्यों के अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य भी शामिल होते हैं।
इस महोत्सव के लिए चामुंडी पहाड़ियों पर विशेष साज-सज्जा की गई है। पहाड़ी के नीचे से ऊपर जाने तक के मार्ग पर और ऊपर पहाड़ी पर बने मंदिरों पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा शहर की अन्य धरोहर इमारतों, शासकीय कार्यालयों के साथ अन्य महलों और इमारतों पर भी रंग-बिरंगी विद्युत साज-सज्जा की गई है।
इस दौरान अगले दस दिनों तक कम से कम 350 सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और 150 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। दशहरा महोत्सव की विभिन्न उप समितियों ने इन कार्यक्रमों में समाज के सभी वर्गों के लोगों को शामिल करने के लिए प्रयास किए हैं। इस वर्ष पहली बार महिलाओं और बच्चों के लिए ग्रामीण दशहरे का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही इस वर्ष योग दशहरा भी मनाया जा रहा है। इस महोत्सव के दौरान राज्य सरकार ने इस वर्ष ओलंपिक में पदक जीतने वाले अभिनव बिंद्रा, सुशील कुमार और विजेन्द्र सिंह को भी सम्मानित करने का फैसला किया है। इनका सम्मान चार अक्टूबर को किया जाएगा। पर्यटकों को लुभाने के लिए 'मैसूर तांगों' का इंतजाम किया गया है जो पर्यटकों को शहर की सैर कराएंगे। शहर में 87 दिवसीय दशहरा प्रदर्शनी का आयोजन शुरू हो चुका है। यह प्रदर्शनी अपनी पूरी भव्यता के साथ दशहरा महोत्सव के बाद भी जारी रहेगी।
पिछले कुछ वर्षों में इस महोत्सव के स्वरूप में काफी परिवर्तन आया है। महोत्सव ने जाति-धर्म की सीमाओं को लांघते हुए एक नया सामाजिक- सांस्कृतिक तानाबाना बुना है। इस महोत्सव में व्यावसायिक प्रायोजक भी बढ़े हैं। साथ ही नई-तकनीकों और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल भी बढ़ा है। इस उत्सव में इस वर्ष पहली बार पांच अक्टूबर को भारतीय वायु सेना 'एयर शो' का प्रदर्शन करेगी। 10 दिवसीय दशहरा महोत्सव के अंतिम दिन नौ अक्टूबर को जम्बो सवारी के साथ दशहरे की शोभायात्रा शुरू होगी। मुख्यमंत्री बीएस येड्डीयुरप्पा पैलेस परिसर से तीन किलो मीटर लम्बी इस शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। महोत्सव को दुर्घटना रहित बनाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। इन दिनों में विशेष सुरक्षा के लिए 5000 अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। शहर में विभिन्न स्थानों पर लगभग 200 मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। इनमें हाथ से जांच करने और दरवाजे के स्वरूप वाले मेटल डिटेक्टर शामिल हैं।
दशहरा महोत्सव के उद्धाटन समारोह में पहली बार शामिल होने वाले मुख्यमंत्री बीएस येड्डीयुरप्पा ने भी इस मौके पर पूजा में भाग लिया। परम्परानुसार मैसूर राजघराने के उत्तराधिकारी श्रीकांतदत्त नरसिंहराज वाडेयार ने भी पैलेस में पूजा-अर्चना कर इस महोत्सव की शुरुआत की। उन्होंने पारंपरिक वेषभूषा धारण कर, अमूल्य स्वर्ण सिंहासन पर विराजित होकर पूजा-अर्चना की। यह पूजा-अर्चना इसी तरह इस महोत्सव के अंतिम दिन (विजयादशमी) तक जारी रहेगी। इस आयोजन में वाडेयार राजघराने के सदस्यों के अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य भी शामिल होते हैं।
इस महोत्सव के लिए चामुंडी पहाड़ियों पर विशेष साज-सज्जा की गई है। पहाड़ी के नीचे से ऊपर जाने तक के मार्ग पर और ऊपर पहाड़ी पर बने मंदिरों पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा शहर की अन्य धरोहर इमारतों, शासकीय कार्यालयों के साथ अन्य महलों और इमारतों पर भी रंग-बिरंगी विद्युत साज-सज्जा की गई है।
इस दौरान अगले दस दिनों तक कम से कम 350 सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और 150 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। दशहरा महोत्सव की विभिन्न उप समितियों ने इन कार्यक्रमों में समाज के सभी वर्गों के लोगों को शामिल करने के लिए प्रयास किए हैं। इस वर्ष पहली बार महिलाओं और बच्चों के लिए ग्रामीण दशहरे का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही इस वर्ष योग दशहरा भी मनाया जा रहा है। इस महोत्सव के दौरान राज्य सरकार ने इस वर्ष ओलंपिक में पदक जीतने वाले अभिनव बिंद्रा, सुशील कुमार और विजेन्द्र सिंह को भी सम्मानित करने का फैसला किया है। इनका सम्मान चार अक्टूबर को किया जाएगा। पर्यटकों को लुभाने के लिए 'मैसूर तांगों' का इंतजाम किया गया है जो पर्यटकों को शहर की सैर कराएंगे। शहर में 87 दिवसीय दशहरा प्रदर्शनी का आयोजन शुरू हो चुका है। यह प्रदर्शनी अपनी पूरी भव्यता के साथ दशहरा महोत्सव के बाद भी जारी रहेगी।
पिछले कुछ वर्षों में इस महोत्सव के स्वरूप में काफी परिवर्तन आया है। महोत्सव ने जाति-धर्म की सीमाओं को लांघते हुए एक नया सामाजिक- सांस्कृतिक तानाबाना बुना है। इस महोत्सव में व्यावसायिक प्रायोजक भी बढ़े हैं। साथ ही नई-तकनीकों और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल भी बढ़ा है। इस उत्सव में इस वर्ष पहली बार पांच अक्टूबर को भारतीय वायु सेना 'एयर शो' का प्रदर्शन करेगी। 10 दिवसीय दशहरा महोत्सव के अंतिम दिन नौ अक्टूबर को जम्बो सवारी के साथ दशहरे की शोभायात्रा शुरू होगी। मुख्यमंत्री बीएस येड्डीयुरप्पा पैलेस परिसर से तीन किलो मीटर लम्बी इस शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। महोत्सव को दुर्घटना रहित बनाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। इन दिनों में विशेष सुरक्षा के लिए 5000 अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। शहर में विभिन्न स्थानों पर लगभग 200 मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। इनमें हाथ से जांच करने और दरवाजे के स्वरूप वाले मेटल डिटेक्टर शामिल हैं।
3 comments:
बधाई हो आपको।
ver nice artical to read, but yhan bhee checking, security, kitna difficult hotta hai terror ke khauf mey celebration hai na..'
regards
बहुत अच्छा लेख है, आभार!
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