राजनीति पर संपादकीय और अन्य लेख लिखते-लिखते जब मन करता है कि कभी-कभी कुछ इससे अलग कोशिश भी करनी चाहिए तब ऐसी कोई रचना लिखी जाती है।उनकी मोहब्बत का ऐसा वैसा ना सिला देना जरा प्यार से मना करना गुस्से में ना ठुकरा देना।होली के दिन किसी फसाद में...
अधजल गगरी छलकत जाय
ज्ञानी कितनी गहरी बात कहते हैं। 'अधजल गगरी छलकत जाय' यह किसी ज्ञानी के कथन से ही प्रचलित हुई कहावत है। कितनी ठोस बात कही है कि घडा आधा भरा हुआ हो तो आवाज करता है, पानी छलक कर गिर जाता है और पूरा भरा हो तो बिल्कुल भी न आवाज करता है, न छलकता...
किधर जाओगे ?

इंसान को इंसान समझो तो कुछ कर जाओगेनहीं तो जब मौत आएगी दरवाजे पर, डर जाओगेदूसरों की राहों में, ऐ कांटे बिछाने वालोकभी उन्हीं पर चलना पड़ा, तो...
मेरा यह शहर

कर्नाटक की राजधानी दो-तीन दशक पूर्व फूलों का शहर, बगीचों का शहर, पेंशनर्स पैराडाइज जैसे अलंकरणों से सुशोभित था। वर्ष दर वर्ष बदल रहा है यह शहर।...
फूलों के संसार की सैर करना न भूल जाएं

बेंगलूर शहर का बोटनिकल गार्डन 'लालबाग' केवल सुबह की सैर करने वालों के लिए ही खास नहीं है और न ही कभी कभार वहां के हरे-भरे पेड़ों के झुरमुट के...
लकीर पीटने की आदत

सांप काटकर निकल जाता है और हम लकीर पर लठ चलाते रहते हैं। हम भारतवासियों की आदत ही ऐसी हो गई है। अगर ऐसा नहीं होता तो बार-बार सौ करोड़ भारतवासियों...
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