बेंगलूर में 'साहित्य परिवार' नामक संस्था के अंतर्गत साहित्यिक गतिविधियां होती रहती हैं। गत रविवार को हरिकृष्ण सक्सेना 'परेशान' की काव्य कृति 'कविता रंग लाएगी' का विमोचन नयना सभागार में हुआ। आगरा से आए मनोवैज्ञानिक एवं शिक्षाविद डॉ महेश भार्गव 'विभोर' मुख्य अतिथि थे और कार्यक्रम की अध्यक्षता उभयगान विदूषी, प्रख्यात शास्त्रीय गायिका श्रीमती श्यामला भावे ने की। उनका अभिनंदन हिन्दी दैनिक 'दक्षिण भारत' के संपादक श्रीकांत पाराशर ने किया। डॉ महेश भार्गव का अभिनंदन बेंगलूर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ पी सी मानव तथा केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो के संयुक्त निदेशक श्रीनारायण सिंह समीर ने किया। आगरा विश्वविद्यालय में हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ सुषमा सिंह ने पुस्तक की समीक्षा की। विमोचन अवसर पर काव्यगोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसका संचालन डॉ आदित्य शुक्ल ने किया। काव्यगोष्ठी में आगरा के सुशील सरित, अशोक अश्रु एवं श्रीमती रमा वर्मा सहित बेंगलूर के अनेक कवियों ने रचना पाठ किया। यहां प्रकाशित चित्रों में, अतिथिगण पुस्तक का विमोचन करते हुए तथा श्यामला भावे का सम्मान करते हुए 'दक्षिण भारत' के संपादक दर्शित हैं।
Shrikant Ji, bahut achchha laga sahityik samachar blog me.n padkar. Bahut achchhi shuruwat hai..., Yah ek sampadak ka sahityakar hone ka fayda hai.., varna aajkal to akhbar sahityik samchar chhapna bhi nahi chahte. Dr. Aditya Shukl (kaviaditya.blogspot.com)
2 comments:
अच्छी जानकारी...आभार
आपके अख़बार की
मुख पृष्ठ सज्जा
बोल-सी रही है.
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Shrikant Ji, bahut achchha laga sahityik samachar blog me.n padkar. Bahut achchhi shuruwat hai..., Yah ek sampadak ka sahityakar hone ka fayda hai.., varna aajkal to akhbar sahityik samchar chhapna bhi nahi chahte.
Dr. Aditya Shukl (kaviaditya.blogspot.com)
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