हौदा उठाने वाले बूढ़े हाथी

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  • Monday 8 September 2008
  • by
  • श्रीकांत पाराशर
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  • कर्नाटक की संस्कारधानी मैसूर में मनाया जाने वाला दशहरा महोत्सव विश्व विख्यात है। इस महोत्सव में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखों पर्यटक आते हैं। इस महोत्सव के दौरान निकाली जाने वाली 'जम्बो सवारी' का बड़ा महत्त्व होता है। इस सवारी में कई हाथी एक साथ एक शोभायात्रा के रुप में चलते हैं और इनका नेतृत्व करने वाले हाथी की पीठ पर चामुंडेश्वरी देवी की प्रतिमा सहित 750 किलोग्राम सोने से बना 'स्वर्ण हौदा' रखा होता है। इसे देखने के लिए विजयादशमी के दिन शोभा यात्रा के मार्ग के दोनों तरफ लाखों लोगों की भीड़ जमा होती है। इस भीड़ का शोर हजारों हाथियों की चिंघाड़ के बराबर होता है। इसी दौरान पारंपरिक रूप से तोपों की सलामी भी दी जाती है। इन सबके बीच इन मूक पशुओं को लेकर चलना काफी दुष्कर कार्य है क्योंकि यदि एक भी हाथी बिचक गया तो तबाही की कल्पना करना मुश्किल है। लेकिन वन अधिकारी इन हाथियों की शारीरिक क्षमता के साथ इनकी भावनात्मक, बौध्दिक क्षमता भी परखते हैं और इनकी शोर करने एवं शोर सहने की क्षमता का आकलन भी किया जाता है। पशु चिकित्सक तनावपूर्ण स्थितियों में इनके धैर्य का परीक्षण, इनकी जादुई शक्ति और हौदा रखने की योग्यता भी मापते हैं। इसके बाद ही इन्हें इस सवारी में शामिल किया जाता है। अब अधिकारियों के सामने इन हाथियों की बढ़ती उम्र समस्या बनती जा रही है। जम्बो सवारी के कई हाथी उम्र दराज हो गए हैं और अब उनकी जगह नए हाथियों की खोज जारी है। 'स्वर्ण होदा' लेकर चलने वाले हाथी बलराम की उम्र 50 वर्ष हो चुकी है और उसके साथी श्रीराम 51, मैरीपर, कांती 68, रेवती 54 और सरला 64 वर्ष के हैं। उनके स्थान पर नए हाथियों की खोज काफी मुश्किल हो रही है क्योंकि जंगल की आबो हवा से परिचित हाथियों को 'शहरी जंगल' के वातावरण से परिचित कराना मुश्किल काम है। इस बीच अधिकारियों ने 'अर्जुन' नामक हाथी की तलाश की है जो हौदा लेकर चलने में सक्षम है। उसकी उम्र भी 48 वर्ष है लेकिन उसका एक बुरा इतिहास इस काम में आड़े आ रहा है। उसने पूर्व में अपने महावत को मौत के घाट उतार दिया था। उसे जम्बो सवारी में चलने का अनुभव भी है। हालांकि बलराम को इस सवारी में 14 वर्ष का अनुभव है और उसकी कद-काठी भी सक्षम है लेकिन अर्जुन के बारे में अधिक विचार किया जा रहा है। वैसे अधिकारियों के पास 42 वर्षीय अभिमन्यु जिसकी ऊँचाई 2.68 मीटर है और सबसे बड़े राजेन्द्र जिसकी ऊँचाई 2.84 मीटर है, का भी विकल्प मैजूद है लेकिन उसकी उम्र 53 वर्ष हो चुकी है ऐसे में उस पर यह भार डाल संभव नहीं दिखता है।

    4 comments:

    seema gupta said...

    " very interetsing to read, and view the picture, i never knew about it, thanks for sharing"

    Regards

    लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

    Very interesting informative article .

    Satyendra Prasad Srivastava said...

    बहुत अच्छी जानकारी दी है। दिलचस्प

    Anil Pusadkar said...

    mysore ek baar hi jaana hua,dobara mauka hi nahi mil paya,wahan ka dushehara to dekhne layak hota hai.rochak jaankari di aapne,aabhar aapka